सिरोंज | Sep 26, 2018
उड़द की बर्बाद फसल को लेकर मंगलवार को क्षेत्र के किसानों ने तहसील परिसर में हंगामा किया। किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों की यह पहल काम आई और शाम को सर्वे के आदेश जारी हो गए।
अधिक बारिश की वजह से क्षेत्र में उड़द की फसल बर्बाद हो गई है। जिन किसानों की फसल कटने के लिए खड़ी है उनमें भी दाना न के बराबर है। हालात यह है कि किसानों को प्रति बीघा एक क्विंटल उपज भी नहीं मिल पा रही है। कई खेतों में तो किसानों की फसल की लागत तक नहीं निकल पा रही है। लगभग हर दिन किसान तहसील कार्यालय में जाकर सर्वे की मांग कर रहे हैं। इसी तरह की मांग लेकर मंगलवार को भी बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान तहसील कार्यालय में पहुंचे। किसान नेता सुरेन्द्र रघुवंशी के नेतृत्व में पहुंचे इन किसानों ने अपने हाथों में बर्बाद फसल ले रखी थी। तहसील कार्यालय मेंं पहुंचते ही किसान प्रदेश सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब आधा घंटे तक यह क्रम चलता रहा। इस दौरान नायब तहसीलदार किसानों को समझाने के लिए बाहर आए तो किसानों ने इसके बाद भी नारेबाजी बंद नहीं की। किसानों का कहना था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद को किसान पुत्र बताते हैं लेकिन प्रशासन उनके इस दावे को खोखला साबित कर रहा है। फसल बर्बाद होने की वजह से किसान परेशान है लेकिन प्रशासन को बर्बाद फसल के सर्वे की चिंता ही नहीं है। समझ नहीं आ रहा कि प्रशासन फसल कटने के बाद सर्वे कैसे करवाएगा।