टिमरनी Oct 31, 2018
ब्लाॅक में नियुक्त कई पटवारियों ने अलग से हेड क्वार्टर बना रखा है। इसके कारण दूर-दराज से आने वाले किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसान बस किराया लगाकर पटवारी से मिलने आ रहे हैं, लेकिन उन्हें मायूस होना पड़ रहा है। मालूम हो शासन स्तर से कर्मचारियों से मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों का संबंधित अधिकारी भी पालन नहीं करा पा रहे। गत दिवस तहसील लछोरा से तीन वृद्ध तहसील कार्यालय आकर अपने हल्का पटवारी को खोज रहे थे। जब वे तीनों राजस्व निरीक्षक कक्ष में पहुंचे तो उन्होंने आरआई से पूछा। साहब लछोरा के पटवारी कहां मिलेंगे। उन्हें बताया कि आप उन्हें परसाई काॅलोनी में देख लो। वहां पर पटवारी बैठते हैं। इसके बाद में तीनों वृद्ध पटवारी को ढूंढने परसाई काॅलोनी की ओर निकल गए। किसानों को अपने कृषि संबंधी काम कराने के लिए पटवारियों के पीछे दौड़ना, भटकना पड़ रहा है। इनमें गोहा, रास्ता समस्या, नामांतरण, बंटवारा, नक्शा, सिंचाई के लिए अनुमति आवेदन आदि कार्य शामिल हैं।
अलग से कक्ष नहीं
सभी लोगों ने क्लस्टर बना रखा है। पटवारियों के लिए अलग से कार्यालय या कक्ष नहीं है। इसलिए उन्हें कहीं तो बैठना पड़ेगा। हमारे संज्ञान में यह है कि सभी पटवारी अपने निर्धारित दिवस में हल्कों में जाते हैं। यदि उनकी किसी अन्य काम में ड्यूटी लगाई जाती है तब ही वे हल्कों में नहीं जा पाते हैं। अल्का एक्का, तहसीलदार
किराए पर ले रखे आवास को बनाया कार्यालय
ब्लाॅक मुख्यालय पर पटवारियों ने किराए पर आवास ले रखे हैं। जिन्हें कार्यालय बना रखा है। तहसील कार्यालय से आगे परसाई काॅलोनी में पटवारियों ने मिलकर आवास किराए पर लिए हैं। यहीं से इनका कामकाज चलता है। जिन ग्रामीणों को काम हो, वे यहां आकर अपना काम कराते हैं। इसके लिए पटवारियों ने समय भी निर्धारित किया है। तहसील मुख्यालय पर किराए के आवास लेकर कामकाज करने वाले पटवारी अपने हल्कों में भी कम ही जाते हैं। कुछ किसानों ने बताया काम के लिए फोन लगाओ तो पटवारी टिमरनी आने का कह देते हैं। कुछ पटवारी ऐसे भी हैं जो स्वयं के निवास पर भी कार्यालय चला रहे हैं। इनके पास ग्रामीणों को काम कराने उनके घर आना पड़ता है। हालांकि ऐसे भी कुछ पटवारी हैं जो किसानों के काम मौके पर याने हल्कों में ही निपटाते हैं।