टिमरनी Oct 20, 2018
रबी फसलों की बोवनी के लिए विकासखंड के किसानों ने खेत तैयार कर लिए हैं। इस वर्ष बारिश कम होने और जल्दी ही समाप्त हो जाने से किसान भू-जल स्तर को लेकर चिंतित हैं। किसानों को डर सता रहा है कि आने वाले दिनों में उन्हें जलसंकट का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है इस बार किसानों ने करीब एक माह पहले ही बोवनी शुरू कर दी है। किसान इस समय चना व मक्का फसल की बोवनी में जुटे हैं। जिन किसानों के पास निजी जलस्रोत हैं वे बोवनी में जुट गए हैं। जो किसान नहर पर निर्भर हैं, उन्हें पानी के लिए अभी चार से पांच दिन इंतजार करना पड़ सकता है।
जलसंकट की आशंका के चलते किसान इस समय बोवनी कर तो रहे हैं, लेकिन तापमान अधिक होने से उत्पादन पर असर आ सकता है। अग्रणी किसान व कृषि विशेषज्ञों की मानें तो यह समय बोवनी के लिए सही नहीं है। क्योंकि दिन का तापमान इस समय करीब 30 डिग्री और रात का करीब 23 डिग्री है। ऐसे में बोवनी के लिए यह समय उचित नहीं है। तापमान अधिक होने से बीज को अंकुरित होने में परेशानी होगी। फिर भी कुछ किसानों ने चना और मक्का की बोवनी कर दी है।
सोडलपुर। बोवनी के लिए ट्रैक्टर की मदद से खेत तैयार करता किसान।
उत्पादन होगा कम, अभी मक्का बो सकते हैं
क्षेत्र में कुछ जगह बोवनी शुरू हो गई
सोडलपुर क्षेत्र में पानी की कमी, चने का रकबा बढ़ा
सोडलपुर| क्षेत्र में इन दिनों चने की बोवनी शुरू हो गई है। कई किसानों ने चना बो दिया है। इस बार बारिश का मौसम जल्दी चले जाने से क्षेत्र में पानी की कमी है। साथ ही जिन किसानों के पास अपने खेतों में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है वे अपने खेतों में चने की बोवनी कर रहे हैं। इस बार भी क्षेत्र में चने का रकबा बढ़ गया है। इधर, जिन किसानों को गेहूं की बोवनी करना है वह किसान भी अपने खेतों को तैयार करने में जुट गए हैं। कुछ किसानों ने नहर में पानी नहीं आने से अपने खेतों में सिंचाई के साधनों से पलेवा करना शुरू कर दिया है। तवा नहर छूटते ही किसान पलेवा में लग जाएंगे। इससे पहले उत्पादन का अच्छा लाभ लेने के नजरिए से वे अपने खेतों को अच्छा तैयार करने में लगे हुए हैं। उत्पादन अच्छा मिले साथ ही किसान गर्मी की फसल भी वह समय से कर सकते हैं। किसानों का मानना है मौसम में भी अब ठंडक बढ़ने लगी है। ऐसे में बोवनी करने से कोई नुकसान नहीं है।