उज्जैन Nov 22, 2018
अमूल पंचामृत डेयरी ने उज्जैन-देवास जिले के 400 गांवों के डेढ़ लाख किसानों से दूध लेना मंगलवार को बंद कर दिया। किसानों के धरना आंदोलन के बाद प्रबंधन ने 10 दिन और दूध लेने का आश्वासन दिया है। इसके बाद उज्जैन के प्लांट से शहर और जिले सहित संभाग में बिकने के लिए पूरा दूध गोधरा से ही आएगा। प्रबंधन के इस रवैए और निर्णय से आक्रोशित किसानों ने कहा गोधरा से दूध लाकर कंपनी उज्जैन में प्लांट चलाना चाहती है, एेसा है तो यहां से अपना प्लांट गुजरात ही क्यों नहीं ले जाते। गुजरात का दूध मालवा क्षेत्र में बेचकर कंपनी यहां के किसानों को कंगाल और गुजरात को मालामाल करना चाहती है। किसान पदम सिंह पटेल ने बताया पहले कंपनी गोधरा से 20 हजार लीटर का एक टैंकर मंगाती थी। कुछ समय बाद दो टैंकर आने लगे और पिछले 10 दिनों से 3-4 टैंकर दूध गोधरा से मंगाया जा रहा है। कंपनी गोधरा से दूध मंगाकर आपूर्ति कर रही है। इधर अमूल के प्रबंधक जामी फिरदौस का कहना है किसानों से किया अनुबंध 19 नवंबर को समाप्त हो गया है। कंपनी का निर्णय यह है कि अब पूरा दूध गोधरा से ही लाया जाएगा। फिरदौस ने बताया प्लांट पर रोजाना 1 लाख लीटर दूध की आवक होती है। इसमें से 70 हजार लीटर दूध गोधरा से आता है यहां के किसानों से 30 हजार लीटर दूध लेते हैं। किसानों को 10 दिन का समय दिया है उन्हें उत्पादित दूध को बेचने की व्यवस्था करना चाहिए।