उज्जैन Nov 01, 2018
शहर से 17 किमी दूर स्थित लेकोड़ा तालाब का पानी छोड़ देने से टंकारिया गांव में रास्ते बंद हो गए तथा खेतों में भी पानी भर गया। जल संसाधन विभाग का कहना है तालाब का जल स्तर ज्यादा होने से पानी कम किया है। लेकोड़ा तालाब पर भोई समाज काबिज है। समाज के पांच सौ परिवार यहां सिंघाड़े की खेती और मछली पालन करते हैं। समाज के पटेल हीरालाल बाथम कहते हैं, तालाब समाज का निजी है। इसमें कुछ सरकारी जमीन भी है। कोर्ट से यह आदेश भी है कि तालाब के पानी का उपयोग समाज अपनी मर्जी से कर सकता है। तालाब में कीटनाशक वाला खराब पानी भर जाने से सिंघाड़े की फसल भी खराब हो गई है। इसलिए हमने प्रशासन को तालाब का पानी कम करने के लिए कहा था ताकि जमीन खाली हो जाए तो हम उस पर गेहूं-चने की फसल लेकर परिवार का पालन कर सकें, जबकि पानी निकालने से टंकारिया के खेतों व रास्तों पर पानी भर जाने से ग्रामीणों ने भी आपत्ति ली है। बाथम के अनुसार लेकोड़ा तालाब से अंबोदिया में गंभीर नदी तक नहर बनी हुई थी। तालाब का पानी छोड़ने पर यह बमोरा तालाब होते हुए सीधा गंभीर में जाता था, जो पीने के लिए उपयोग होता था। प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने से नहर नष्ट हो गई तथा इस पर अतिक्रमण भी हो गए हैं। इससे परेशानी आती है।
दोनों गांवों की समस्या : जल संसाधन के ईई वीरेंद्र भंडारी का कहना है लेकोड़ा व टंकारिया दोनों गांवों की समस्या है। टंकारिया के लोग चाहते हैं पानी भरा रहे ताकि उनके कुएं और नलकूप रिचार्ज होते रहें। तालाब की जमीन वाले चाहते हैं पानी खाली हो तो वे खेती कर सकें। इसलिए समाज दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य से काम कर रहा है ताकि विवाद की स्थिति न बने। फिलहाल पानी निकालना रोक दिया है।