उज्जैन Nov 07, 2018
मोहनपुरा की सौरमबाई घर में त्योहार की तैयारी छोड़कर मंगलवार को कृषि उपज मंडी में यूरिया के लिए कतार में लगी थी। उनके पास 12 बीघा जमीन है लेकिन पांच बाेरियां ही मिलीं। जलालखेड़ा से आई गीताबाई को 9 बीघा के लिए 9 बोरी की जरूरत थी पर केवल पांच से संतोष करना पड़ा।
दुर्दशी के अजय पटेल ने 50 बीघा में गेहूं बोए हैं। उन्हें भी पांच बाेरियां मिलीं। रुई के सेवाराम ने 150 बीघा में गेहूं की बोवनी की है। वे 150 बोरी यूरिया लेने आए थे। उन्हें भी पांच बोरी ही मिली। गुढ़ा के शंकरलाल 220 बीगा में एक-एक यूरिया की बोरी डालना चाहते हैं लेकिन वे पांच बीघा में ही यूरिया डाल पाएंगे। यह वे किसान हैं जो सुबह 6 बजे से मंडी स्थित खाद वितरण केंद्र के सामने कतार लगाकर खड़े थे। उन्हें दोपहर 2.30 बजे यानी साढ़े आठ घंटे में पांच-पांच बोरिया मिलीं। वह भी पुलिस के साए में। यहां पर तीन हजार किसान यूरिया लेने आए थे। उनमें से 2600 किसानाें को खाली हाथ लौटना पड़ा। केंद्र पर दो हजार बोरियां आई थी। हर किसान को पांच-पांच बोरिया दी गई। तीन साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब यूरिया के लिए किसानों को फिर से कतार में लगना पड़ रहा है। कृषि विभाग और डीएमओ जिले के लिए खाद का लक्ष्य तय कर मांग भेजता है। डीएमओ राकेश हेडाऊ के अनुसार जिले के लिए पर्याप्त मात्रा में यूरिया सहित अन्य खाद की मांग भेजी है। किसानों को खाद मिले इसके लिए विभाग इसे खुले बाजार में बेचने के जगह 172 सेवा सहकारी समितियों में सप्लाय करता है। वहां से यूरिया 266.50 रुपए, डीएपी 1400 रुपए और एनपीके 1290 रुपए प्रति बोरी सदस्य किसानों को प्रदाय की जाती है। मंडी में निजी संस्था से किसान यूरिया लेने गए थे। यहां दो हजार बोरियां आई थी जो उन्होंने पांच-पांच बोरी प्रति किसान को दे दी।
त्योहार की तैयारियां छोड़ महिलाएं लगी कतार में
दीप पर्व की तैयारियां छोड़ बड़ी संख्या में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कतार में लगी रहीं। मंडी संचालक विक्रमसिंह पटेल ने बताया मंडी में किसान परेशान हो रहे हैं। महिलाएं दीपावली पर घर की तैयारियां न करते हुए धूप में खड़ी थी। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार किसान को भूल गई और व्यापारियों से स्टॉक करवाकर अब यूरिया की कालाबाजारी करवाई जा रही है।
तीन साल में 98990 टन जिले में आया यूरिया
खाद 2015 2016 2017
यूरिया 35079 34367 29544
डीएपी 9388 2894 7682
एनपीके 9803 11167 8700
2018 के लिए लक्ष्य-वितरण
खाद लक्ष्य वितरण
यूरिया 28000 8931
डीएपी 700 4678
एनपीके 13600 3431
मांग भेज चुके हैं, समितियों में मिलेगा यूरिया
कृषि उपसंचालक सीएल केवड़ा ने बताया तीन दिन में यूरिया का रैक आने वाला है। इसके बाद कोई परेशानी नहीं आएगी। जिले के लिए सीजन के पहले से ही मांग भेज दी है। उसके अनुरूप सेवा सहकारी समितियों में यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। यूरिया की कमी नहीं आने दी जाएगी।