उज्जैन | Oct 08, 2018
भाजपा ने 2008 के चुनाव से पहले मंडी शुल्क में एक फीसदी कमी करने का भरोसा दिलाया था लेकिन उसे 2013 के चुनाव में भी भूला दिया गया। दाे चुनाव के बाद भाजपा ने व्यापारियों की सुध ली है। प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों में उपजों पर वर्तमान में प्रचलित मंडी फीस की दरें अन्य प्रदेशों की तुलना में अपेक्षाकृत ज्यादा हैं। राज्य शासन वर्तमान मंडी फीस की दरें उपज की कीमत से प्रत्येक 100 पर रुपए 2 के स्थान पर 1.50 नियत करती है। जिन उपजों पर वर्तमान में 1.50 रुपए या उससे कम मंडी फीस की दर लागू है, वे यथावत रहेंगी। अनुसूची 1 के अनुसार राज्य विपणन विकास निधि किसान सड़क निधि और कृषि अनुसंधान एवं अधोसंरचना विकास निधि, गो संवर्धन निधि, मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना में 1 रुपए से 50 पैसे रहेगी। अनुसूची 2 में बोर्ड शुल्क की राशि एक रुपए में से 1 फीसदी 30 फीसदी स्लेब अनुसार रहेगी। हालांकि स्थाई निधि पूर्व की तरह 1 रुपए का 20 फीसदी, आरक्षित निधि भी पूर्व की तरह 1 रुपए का 10 फीसदी और मंडी की स्थापना भी पूर्व की रखी गई है।