श्योपुर Oct 20, 2018
कहने के लिए सरकार द्वारा सोयाबीन का समर्थन मूल्य तो घोषित कर दिया। लेकिन, खरीदी केंद्र अभी तक नहीं बन पाए हैं। इस कारण किसानों का सोयाबीन गल्ला मंडियों में व्यापारी औनेपौने दामों में खरीदकर किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं। यह हालत तब बने हैं जब अन्नदाताओं का सोयाबीन कटकर तैयार है।
किसानों ने बताया की हमें बोवनी करना है इसलिए मंडी में अपनी उपज बेचने आए हैं। सरकार द्वारा सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3899 रुपए और 500 रुपए बोनस देने की घोषणा सरकार द्वारा की गई है। इस तरह किसान को 3 हजार 898 रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन का दाम मिलना है। किसानों का कहना है कि हमारा पंजीयन भी है। लेकिन, शासन ने अभी तक खरीदी केंद्र नहीं खोले। इस कारण किसानों को मंडियों में समर्थन मूल्य से कम दामों पर अपनी उपज बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है। मंडी में अन्नदाताओं को उस समय तक समर्थन मूल्य एवं बोनस अथवा भावंतर योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जब तक शासन द्वारा समर्थन मूल्य के खरीदी केंद्र शुरू नहीं होंगे। बताया जाता है की सोयाबीन एवं अन्य जिंसो के सरकारी खरीदी केंद्र संभवत: आज 20 अक्टूबर के बाद शुरू होंगे। बताया यह भी जा रहा है कि इनके प्रारंभ होने में और समय लग सकता है। मंडियों में खरीदी केंद्रों से संबंधित अभी कोई तैयारी ही नजर नहीं आ रही है। इस बारे में मंडी सचिव ने बताया की अभी अपनी उपज बेचने वाले अन्नदाताओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि इस प्रकार के कोई आदेश हमारे पास नहीं आए हैं।