सिरोंज | Sep 22, 2018
मौसम की मार से प्रभावित हुई उड़द की फसल के सर्वे को लेकर किसान असमंजस में है। अधिकांश खेतों में फसल कटाई की स्थिति में है लेकिन सर्वे अब तक शुरू नहीं हो सका है। इधर स्थानीय प्रशासन सर्वे शुरू करने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश का इंतजार कर रहा है।
इस बार भादौ के पहले पखवाड़े में हुई लगातार बारिश की वजह से उड़द की फसल की स्थिति बेहद खराब हो गई है। कई गांवों में उड़द की फसल खेतों में खड़े-खड़े ही गल गई। वहीं जिन खेतों में फसल आई है उनमें भी फली में दाना या तो छोटा है या फिर दागी हो गया है।
फसल की दयनीय स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंडी में बिकने आ रहा नया उड़द 1500 से 1600 रुपए क्विंटल बिक रहा है। हालात यह है कि किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। हालांकि अभी अधिकांश हिस्सों में उड़द की कटाई होना है। इस वजह से किसान उम्मीद लगाए हैं कि उनकी फसल का सर्वे होगा। इस उम्मीद की सबसे बड़ी वजह है सर्वे के आधार पर ही फसल बीमा का लाभ मिलना है। कई किसान स्थानीय प्रशासन को आवेदन और ज्ञापन देकर फसल बर्बादी से अवगत करा कर सर्वे की मांग भी कर चुके हैं। अब तक उनकी सुनवाई नहीं हो सकी है।
किसान इस असमंजस में है कि वह फसल काटे या नहीं। यदि वह फसल काट लेता है तो फिर सर्वे करने आने वाली बीमा कंपनी अथवा प्रशासन की टीम को वह क्या बताएगा और यदि फसल नहीं काटता है तो फिर खेत की स्थिति और अधिक दयनीय हो जाएगी।