आलू बुआई का सीजन शुरू हो चुका है और किसानों द्वारा इस ओर जरूरी तैयारियां पूरी की जाने लगी हैं। पिछले साल जिले में आलू उत्पादन को बुआई का लक्ष्य करीब 13 हजार हेक्टेयर था।
वहीं इस साल जिले में आलू का क्षेत्रफल करीब 16 हजार हेक्टेयर के आस पास रहेगा। कृषि क्षेत्र के जानकारों के अनुसार आलू की बुआई के लिए आदर्श समय 20 अक्तूबर से 15 नवंबर तक रहता है। किसानों को इस अवधि से पहले ही खेतों में गड़ाई करनी होगी।
उद्यान विभाग को उम्मीद है कि अबकी 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की खेती होगी और मौसम अनुकूल रहा तो करीब 40 से 45 लाख क्विंटल आलू का उत्पादन होगा।
इस साल 16 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू
आलू उत्पादन के मामले में पड़ोसी जिले फर्रुखाबाद, कन्नौज के समीपवर्ती वाले जिलों की सीमाओं से सटेहरपालपुर, सांडी, बिलग्राम, मल्लावां, माधौगंज आदि क्षेत्रों के किसान ज्यादा क्षेत्रफल में आलू की खेती करते है और भंडारण करने के साथ बाजार में बिक्री भी करते है।
उद्यान निरीक्षक हरिओम ने बताया कि पिहानी, टोडरपुर, अहिरोरी, कछौना, टडियावंा क्षेत्रों में किसान बड़े पैमाने पर आलू की खेती नहीं करते, पर कछौना से लेकर संडीला के पास के क्षेत्रों में भी किसानों ने आलू की खेती होती है।
जिले में आलू की मंडी न होने से यहां आलू का क्षेत्रफल अपेक्षानुसार नहीं बढ़ पा रहा, पर अबकी क्षेत्रफल कुछ बढ़ने की उम्मीद है।
उधर, शहर के लखनऊ रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी का दो वर्ष पूर्व निरीक्षण करने आए तत्कालीन कृषि मंडी निदेशक राजीव अग्रवाल से व्यापारियों तथा किसानों ने जिले आलू की मंडी बनवाने की मांग की थी।
तब मंडी निदेशक ने जरूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया था, पर तब से अब तक आलू मंडी विकसित करने की ओर कोई हलचल नहीं हुई है।