सीहोर Oct 16, 2018
पानी के अभाव में इस बार चने की फसल का रकबा बढ़ेगा। अभी तक रबी सीजन में करीब 25 हजार हेक्टेयर में बोवनी हो चुकी है। जिन किसानों के पास पर्याप्त पानी है ऐसे किसानों ने खेत की सफाई और बक्खर चलाकर तैयार कर लिया है। साथ ही पलेवा का पानी भी शुरू कर दिया है। वहीं जिन किसानों के पास पानी की सुविधा पर्याप्त नहीं है ऐसे किसानों ने चने की फसल बोना शुरू कर दिया है।
रबी सीजन वर्ष 2018-19 में कृषि विकास विभाग ने प्रस्तावित रकबा 3 लाख 49 हजार 901 हेक्टेयर निर्धारित किया है। जबकि पिछले साल 3 लाख 48 हजार 305 हेक्टेयर में बोवनी की गई थी। पानी के अभाव में किसानों ने बोवनी का काम शुरु कर दिया है।
अभी जिले में चने की फसल की बोवनी की जा रही है। अभी तक करीब 25 हजार हेक्टेयर में चने की बोवनी का काम हो चुका है। जबकि गेंहूं की फसल के लिए खेत तैयार कर किसान पलेवा कर रहे हैं।
पानी के अभाव में घटेगा गेंहूं का रकबा: पिछले साल 2 लाख 44 हजार 500 हेक्टेयर में बोवनी की गई थी। इस साल रबी सीजन में गेंहूं की फसल का रकबा 500 हेक्टेयर प्रस्तावित रकबे में कम किया गया है। इसी तरह पिछले साल 96 हजार हेक्टेयर में चने की फसल की बोवनी की गई थी। इस साल 98 हजार हैक्टेयर में चने की बोवनी का प्रस्तावित निर्धारण कृषि विभाग ने किया है।
पिछले साल थे खाली खेत: श्यामपुर|दोराहा क्षेत्र के खुसामदा, बराड़ी, झागरिया, सिराड़ी सहित अन्य गांवों में पानी के अभाव में किसान रबी सीजन की बोवनी नहीं कर पाए थे। इस साल भी पानी का अभाव है। किसानों का कहना है कि सिंचाई के लिए पानी मिलेगा तो ही बोवनी करेंगे अन्यथा खेत खाली रहेंगे। इसी तरह पानी के अभाव में कई किसानों की फसल भी पिछले साल सूख गई थी।
पिछले साल 96 हजार हेक्टेयर में चने की फसल की बोवनी की गई थी